मधुमेह (शुगर) क्या है?

मधुमेह, जिसे आमतौर पर ‘शुगर’ कहा जाता है, एक चयापचय विकार (metabolic disorder) है जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन सही मात्रा में नहीं कर पाता या उपयोग नहीं कर पाता। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर में रक्त शर्करा (blood sugar) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में लगभग 42 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और भारत को ‘डायबिटीज कैपिटल’ भी कहा जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में हर 6 में से 1 व्यक्ति मधुमेह से प्रभावित है

मधुमेह के प्रकार

  1. टाइप-1 मधुमेह: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल नहीं करता।
  2. टाइप-2 मधुमेह: इसमें शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है।
  3. गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes): गर्भावस्था के दौरान होने वाला मधुमेह, जो कुछ महिलाओं में प्रसव के बाद भी बना रहता है।

मधुमेह के लक्षण:

  • बार-बार पेशाब आना (Frequent urination)

  • अत्यधिक प्यास लगना (Excessive thirst)

  • अत्यधिक भूख लगना (Increased hunger)

  • वजन का अचानक घटना (Unexplained weight loss)

  • थकान महसूस होना (Fatigue or tiredness)

  • घाव या चोट का धीरे-धीरे भरना (Slow healing of wounds)

  • धुंधला दिखना (Blurred vision)

  • हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन (Tingling or numbness in hands/feet)

शुगर कम करने के प्राकृतिक उपाय:

  1. व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30-45 मिनट वॉक या योग करें।
  1. संतुलित आहार लें: फाइबर से भरपूर और कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन खाएँ।
  1. तनाव कम करें: ध्यान (मेडिटेशन) और प्राणायाम करें।
  1. पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
  1. मधुमेह नियंत्रित उत्पादों का सेवन करें: जैसे कि करेला, जामुन, और गिलोय से बनी आयुर्वेदिक औषधियाँ।
  1. ज्यादा पानी पिएं: अधिक पानी पीने से शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है।
  2. सुपरफूड्स का सेवन करें: अलसी के बीज, ओट्स, ब्राउन राइस और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।

मधुमेह का आयुर्वेदिक समाधान:

आयुर्वेद में अनेक ऐसी जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ मौजूद हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में कारगर होती हैं। इन जड़ी-बूटियों का प्रयोग करने से न केवल ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है बल्कि अन्य शारीरिक लाभ भी मिलते हैं।

  1. पुनर्नवा-: पुनर्नवा शुगर रोगियों के लिए लाभकारी है क्योंकि यह किडनी और लीवर को मजबूत बनाती है, सूजन और जल प्रतिधारण को कम करती है। इसकी मूत्रवर्धक और एंटीऑक्सीडेंट विशेषताएं शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करती हैं, जिससे डायबिटीज नियंत्रित रहती है।

    2.गुड़मार-: गुड़मार शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है। यह मीठे की चाहत कम करता है और अग्न्याशय से इंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल और वजन को भी संतुलित रखता है।

    3.एलोवेरा -: एलोवेरा त्वचा को नमी देता है, घाव भरने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है। यह खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर डिटॉक्स होता है।

    4. जामुन-: जामुन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाता है। इसके बीज, गूदा और रस मधुमेह में उपयोगी होते हैं। यह पाचन सुधारता है, लिवर को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। मुंह के रोगों में भी फायदेमंद है। यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है। जामुन का सेवन पाचन तंत्र को मज़बूत करता है।

5. हरड़-:हरड़ एक अत्यंत उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे विशेष रूप से पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए जाना जाता है। यह स्वाद में कड़वी जरूर होती है, लेकिन इसके फायदे बहुत गहरे हैं। हरड़ का नियमित सेवन कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है और आँतों की सफाई में मदद करता है।

6.बहेड़ा -: बहेड़ा का मुख्य असर श्वसन तंत्र, पाचन तंत्र और त्वचा पर होता है। यह खांसी, गले की खराश, अस्थमा और बलगम जैसी समस्याओं में राहत देता है। पाचन के लिए यह अत्यंत लाभकारी है—यह भूख बढ़ाता है, कब्ज को दूर करता है और पेट को साफ रखता है। इसके अलावा, यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे त्वचा की रंगत सुधरती है और मुंहासे कम होते हैं।

7.मेथी -: मेथी पाचन शक्ति को बढ़ाती है और कब्ज, गैस व अपच जैसी समस्याओं में राहत देती है। इसमें घुलनशील फाइबर और प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है।

8. गुलबकावली -:गुलबकावली की जड़ का उपयोग कुछ परंपरागत पद्धतियों में नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए भी किया जाता है, हालाँकि इसका उपयोग केवल विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए, क्योंकि आंखों से जुड़ा मामला संवेदनशील होता है। पेट की परेशानियों, खासकर पेट में कीड़े होने पर, इसकी जड़ या अर्क का सीमित मात्रा में उपयोग किया जाता है।

9. आंवला -: मधुमेह यानी शुगर के लिए आंवला एक बेहद प्रभावशाली प्राकृतिक उपाय माना जाता है। इसमें मौजूद क्रोमियम नामक खनिज शरीर में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है। आंवला अग्न्याशय की कोशिकाओं को सक्रिय करता है और प्राकृतिक रूप से इंसुलिन के स्राव को बेहतर बनाता है।

10.करेला -: करेले का रस विशेष रूप से डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है। रोज़ सुबह खाली पेट ताज़ा करेले का रस पीने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और अग्न्याशय (pancreas) को इंसुलिन के प्राकृतिक उत्पादन के लिए उत्तेजित करता है। यह न केवल शुगर कंट्रोल करता है, बल्कि पाचन सुधारता है

7.कुटकी -: यह अग्न्याशय (pancreas) पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और इंसुलिन के कार्य को बेहतर बनाती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही कुटकी लीवर को डिटॉक्स करती है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि लीवर की खराबी अक्सर शुगर असंतुलन से जुड़ी होती है।

8. गिलोय -: मधुमेह (शुगर) के लिए गिलोय बेहद उपयोगी है क्योंकि यह ब्लड शुगर को नैचुरली नियंत्रित करने में मदद करता है। गिलोय इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है और शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करता है

हमारे विशेष उत्पाद मधुमेह नियंत्रण के लिए

हमारे शोध और अनुभव से तैयार किए गए उत्पाद जो मधुमेह नियंत्रण में सहायक हैं:

1.करेलाजामुन पाउडर (Karela Jamun Powder) करेला-जामुन पाउडर (Karela Jamun Powder) – यह पाउडर प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाता है।

2. मधुक्षय सिरप (Madhukshay Syrup) गिलोय, आंवला, मेथी, और जामुन के मिश्रण से तैयार यह सिरप मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है

3. मधुक्षय पाउडर (Madhukshay Powder) ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने के लिए इस पाउडर का नियमित सेवन करें। यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाने और थकान को कम करने में सहायक होता है।

4. मधुक्षय टैबलेट (Madhukshay Tablet) इसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है, जो इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में सहायक हैं।

5. डायबा 30 शॉट्स (Diaba 30 Shots)यह शुगर नियंत्रण के लिए एक विशेष हर्बल टॉनिक है, जो मधुमेह के लक्षणों को कम करता है और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है।

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